शार्प भारत डेस्क : डायबिटीज एक लाइफस्टाइल से जुड़ और आनुवंशिक बीमारी है. यूके मेडिकल जर्नल लासेंट में डायबिटीज को लेकर प्रकाशित हुई आइसीएमआर की रिपोर्ट ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है. आइसीएमआर की स्टडी के अनुसार भारत में वर्तमान समय में डायबिटिक मरीजों की संख्या 10 करोड़ से ज्यादा है. 2019 में यह आंकड़ा 7 करोड़ था. डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय करते हैं. आयुर्वेद में ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के कई उपाय बताये गए हैं. इनमें से एक है शरीफा के पत्तों का सेवन (नीचे भी पढ़ें)
शरीफा जितना खाने में स्वादिष्ट होता है, उतना ही इसके पत्ते औषधीय गुणों से भरपूर. शरीफा के पत्तों में एंटी डायबिटिक गुण होता है. इसके नियमित सेवन से ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है. शरीफा के पत्तों से टाइप 2 डायबिटीज में बहुत लाभ मिलता है. इसके पत्तों में एल्कलॉइड्स, ग्लाइकोसाइट्स, गैलेक्टोमैनन गन, पॉलीसेकेराइट्स, पेप्टिडोग्लाइकेन्स, हाइपोग्लाइकेन्स, गुआनिडाइन, स्टेरॉयड, कार्बोहाइड्रेट, ग्लाइकोपेप्टाइड्स, टेरपेनॉइड्स, अमीनो एसिड जैसे महत्वपूर्ण तत्व पाए जाते हैं. रिसर्च में यह बात सामने आई है कि शरीफा के पत्ते में मौजूद एंटी डायबेटिक गुण सीधे पैंक्रियाज पर असर डालते हैं और प्लाज्मा इंसुलिन के लेवल को बढ़ा देते हैं जिससे इंसुलिन की सघनता बढ़ जाती है और खून में इंसुलिन ज्यादा देर तक बना रहता है. (नीचे भी पढ़ें)
यह ग्लूकोज को अवशोषित कर इसे एनर्जी में बदल देता है. शरीफा के चार पांच पत्तों को सुबह खाली पेट चबाकर खाने से इसका सबसे ज्यादा लाभ मिलता है. अगर आप पत्ते नहीं चबा सकते तो इसका पाउडर बना कर रख लें और हर रोज सुबह गर्म पानी के साथ एक छोटी चम्मच ले सकते हैं. तीन महीने तक लगातार सेवन के बाद कुछ समय के लिए इसका उपयोग बंद कर दें.
(शार्प भारत ऊपर लिखी किसी बात की पुष्टि नहीं करता. लिखी गई सारी बातें सामान्य जानकारी और लोगों के निजी अनुभवों पर आधारित हैं. किसी भी प्रकार से इस्तेमाल के पहले डॉक्टर की सलाह लें)