शार्प भारत डेस्क : डायबिटीज एक आजीवन रहने वाली बीमारी है, यह एक मेटाबॉलिक डिसॉर्डर, जिसमें मरीज के शरीर के रक्त में ग्लूकोज का स्तर बहुत अधिक होता है. जब व्यक्ति के शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बन पाता है और शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति ठीक से प्रतिक्रिया नहीं कर पाती है. जैसा कि इसुलिन का बनना शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह रक्त से शरीर की कोशिकाओं में ग्लूकोज का संचार करता है. इसीलिए जब इंसुलिन सही मात्रा में नहीं बन पाता है तो पीड़ित व्यक्ति के बॉडी मेटाबॉलिज्म पर भी इसका प्रभाव ज्यादा पड़ता है. इसमें मुख्य रुप से अधिक प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, अधिक भूख लगना, वजन कम होना, थकान होना, चिड़चिड़ापन, आंखों के आगे धुंधलापन, घाव भरने में अधिक समय लगना जैसी लक्ष्ण महसूस होते है. इसे कंट्रोल करने के लिए मरीज ब्लूबेरी, जुकिनी, हरा चना, चने का आटा, खाखरा, चुकंदर का खाखरा, मूंग का खाखरा, बाजरा, स्ट्रॉबेरी और हरे सेब का सेवन कर सकते है. इससे शुगर कंट्रोल होगा और सही पोष्ण के साथ साथ वजन भी मेंटेन रहेगा. शुगर कंट्रोल करने में यह संजीवनी बूटी की तरह काम करता है. (नीचे भी पढ़ें)
हरा चना – हरे चने प्रोटीन से भरपूर होता है. इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई और विटामिन की मात्रा पायी जाती है. इसमें फाइबर, आयरन, फोलेट, फॉस्फोरस, सोडियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, कैल्शियम जैसे पोषक तत्व भी पाये जाते है. इसमें मौजूद मैग्नीशियम और पोटैशियम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है. इसके साथ ही यह बैड कोलेस्ट्रॉल को भी कम करने में मददगार साबित होता है.
चने का आटा – चने के आटे में भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता है और डॉक्टरों की माने तो शरीर में आयरन और कैल्शियम की मात्रा सही हो तो हम तनाव जैसी बीमारियों से दूर रहते है. वहीं इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है. यह शरीर को ऊर्जा देने और वजन कंट्रोल करने में कामगार है.
चुकंदर का खाखरा – चुकंदर का खाखरा का सेवन करने से ब्लड प्रेशर कम होता है, वहीं इंसुलिन रेसिस्टेंट में सुधार होता है. इसे साथ ही यह वेट लॉस में भी करता है.
मूंग दाल खाखरा – मूंग दाल खाखरा में अधिक मात्रा में प्रोटीन और फाइबर पाया जाता है, जो वजन घटना का काम करता है. इसके साथ ही यह टाइप टू डायबटीज के खतरे को भी कम करता है.
जुकिनी – 1जुकिनी की सब्जी में कार्ब्स कम होती है और कैलोरी भी. इसमें पानी की मात्रा अधिक होने से यह वजन घटने का काम करता है.
बाजरा – बाजरे में पर्याप्त मात्रा में पोटेशियम होता है, जिससे शरीर में बैड कोलेस्ट्रोल का लेवल कंट्रोल रहता है. दिल की बीमारियों का खतरा भी कम होता है. बाजरे में भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम होता है. नियमित रूप से बाजरा खाने से ब्लड प्रेशर की बीमारी दूर होती है. बीपी के रोगियों को रोज बाजरा खाना चाहिए. इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होती हो, जिससे शुगर लेवल भी कंट्रोल रहता है.
स्ट्रॉबेरी – डायबिटीज के मरीजों के लिए स्ट्रॉबेरी का सेवन बेहद असरदार साबित होता है. इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है जिससे ब्लड शुगर का स्तर कंट्रोल रहता है. यह वजन को भी कंट्रोल करने में सहायता करता है.