जमशेदपुर : टाटा स्टील के कर्मचारियों का बोनस समझौता सितम्बर के प्रथम सप्ताह में हो जाएगा. कंपनी प्रबंधन और यूनियन के बीच इसको लेकर सहमति बन चुकी है, जिसके तहत समझौता सोमवार या मंगलवार को हो जाएगा. अगर किसी कारण से देर हुआ भी तो सितम्बर माह के प्रथम सप्ताह में समझौता हो ही जायेगा. दूसरी ओर, तथाकथित तौर पर शुक्रवार को वार्ता टूटने की जानकारी दी गई थी लेकिन शनिवार को वार्ता जारी रही. टाटा स्टील के वेज रिवीजन समझौता को लेकर शनिवार को वीपी एचआरएम सुरेश दत्त त्रिपाठी के स्तर पर बैठक हुई. इस बैठक में टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष आर रवि प्रसाद, डिप्टी प्रेसिडेंट अरविंद पांडेय और महासचिव सतीश सिंह मौजूद थे. बैठक में यह बताया गया कि समझौता सात साल का ही किया जाएगा क्योंकि पिछले बार के वेज रिवीजन समझौता में तत्कालीन यूनियन अध्यक्ष पीएन सिंह और टाटा स्टील के एमडी ने नोट ऑफ कॉनक्लूज़न पर हस्ताक्षर किए थे जिसमें तय हुआ था कि अगली बार यानी 2018 में वेज रिवीजन समझौता होगा तो सात साल के लिए ही होगा. यूनियन नेताओ को इसका हवाला देते हुए सात साल का ही वेज रिवीजन समझौता करने को कहा गया. आपको बता दें कि पिछले समझौता में 6 साल का समझौता हुआ था. अब यह साफ हो गया है कि यूनियन डीए में भी बदलाव कराकर रहेगी, जिसका ग्राउंड तैयार पहले कर लिया गया और अब समझौता सात साल का ही होगा जिसके लिए पूर्व अध्यक्ष पीएन सिंह को बलि का बकरा बनाया जा रहा है. दरअसल यूनियन और मैनेजमेंट जब भी वेज रिवीजन समझौता करती है तो टाटा स्टील के एमडी और यूनियन अध्यक्ष के बीच एक नोट ऑफ कॉनक्लूज़न तैयार होता है जिसके अनुसार आगे वार्ता करने या समझौता करने का रोड मैप तैयार किया जाता है. हालांकि यह जरुरी नही होता है कि जो नोट ऑफ कॉनक्लूज़न में लिखा गया है वह लागू ही हो जाये. वैसे वेज रिवीजन समझौता की गति बात रही है कि वेज रिवीजन समझौता भी सितंबर माह में हो जाएगा.