जमशेदपुर : जमशेदपुर कोर्ट में 17 साल पुराने केस में भाजपा नेताओं के साथ भाजमो नेताओं ने कोर्ट में हाजिरी लगायी. इसमें कई ऐसे लोग भी थे, जिन्होंने भाजपा छोड़ दी है और विधायक सरयू राय के साथ भाजमो में चले गये है. इन लोगों ने कोर्ट में उपस्थित होकर अपने ऊपर हुए मुकदमे को झूठा बतलाते हुए केस को चार्ज करवाया. करीब 17 वर्ष पूर्व आजसू पार्टी के तत्कालीन राज्य में मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी के मानगो चौक पर लगे होर्डिंग पोस्टर जलाने के आरोप में आजसू पार्टी द्वारा मुकदमा दर्ज कराया गया था. मामले में कुल दस लोगों को अभियुक्त बनाया गया था. समय अधिक बीत जाने के कारण इसमें तीन लोगों का निधन हो चुका है जबकि आरोपी जगदीश सिंह मुंडा पक्षाघात के शिकार हो गए हैं. (नीचे भी पढ़ें)
वे व्हील चेयर पर कोर्ट में पहुंचे. मुकदमे में आरोपी चंद्रभान सिंह, नारायण दास रजक एवं तारक मुखर्जी का निधन हो जाने के कारण तीनों आरोपी का मृत्यु प्रमाण पत्र न्यायालय में अधिवक्ता राजहंस तिवारी द्वारा जमा किया गया. पक्षघात के शिकार जगदीश सिंह मुंडा चलने और बोलने में असमर्थ होने के कारण उन्हें व्हीलचेयर में बड़ी मुश्किल से जज के सामने लाया गया. चारों और बैरिकेडिंग रहने के कारण लगभग दो घंटे के मशक्कत के बाद जगदीश सिंह मुंडा न्यायालय में उपस्थित हो पाए. न्यायालय में आरोपी भाजपा नेता विकास सिंह ने बताया कि चंद्र प्रकाश चौधरी राज्य सरकार में पेयजल स्वच्छता मंत्री थे. मानगो में बनने वाली पेयजल आपूर्ति योजना का कार्य आरंभ नहीं हो रहा था, जिसका लोगों में काफी आक्रोश था. (नीचे भी पढ़ें)
मानगो के लोगों ने पानी के अभाव में आक्रोशित होकर चंद्र प्रकाश चौधरी का मानगो चौक में लगा हुआ पोस्टर बैनर को आग के हवाले कर दिया था. इस पर आजसू पार्टी ने भाजपा के नेता विकास सिंह, सुबोध श्रीवास्तव, मुकुल मिश्रा, विजय तिवारी, गंगा प्रसाद साहू, नीलकमल शेखर, जगदीश सिंह मुंडा, चंद्रभान सिंह, नारायण दास रजक एवं तारक मुखर्जी के ऊपर नामजद मुकदमा दर्ज किया था. सभी न्यायालय से जमानत पर है. काफी समय बीत जाने के कारण कोर्ट ने मामले को संज्ञान लेते हुए मुकदमे को चार्ज कराकर इसे समाप्त करने का फैसला लिया. सारे लोग आज एकजुट होकर न्यायालय में हाजिर होकर मुकदमे को चार्ज कराकर अपने आप को निर्दोष बताते हुए न्यायालय को बरी करने की गुहार लगायी. सारे आरोपी की ओर से अधिवक्ता राजहंस तिवारी ने न्यायालय में पैरवी करते हुए आरोपियों को निर्दोष बताया.