जमशेदपुर : जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने क्षेत्र की विकास योजनाओं का क्रियान्वयन की गति को तेज करने के लिए जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी एवं अन्य अधिकारियों के साथ जमशेदपुर अक्षेस कार्यालय में एक बैठक की। मोहरदा पेयजलापूर्ति परियोजना का पुनरूद्धार करने के लिए एक डीपीआर बनाने का निर्णय एक माह पूर्व जुस्को के अधिकारियों और जमशेदपुर अक्षेस के अधिकारियों की एक बैठक में किया गया था। इस डीपीआर बनाने में जुस्को को सहयोग करना है परंतु इस बारे में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। पेय जलापूर्ति परियोजना में अमूलचूल परिवर्तन नहीं किया गया तो यह योजना कभी भी धराशाही हो सकती है। इसलिए इस हेतु अगले सोमवार को जमशेदपुर अक्षेस के पदाधिकारी जुस्को के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर आगे की कारवाई तय करेंगे। यह निर्णय भी हुआ था कि मोहरदा परियोजना के सभी टंकी की सफाई विगत 12 वर्षों में नहीं हुई है। गत माह हुई बैठक में जुस्को के अधिकारियों ने स्वीकार किया था कि इसकी सफाई होनी थी परंतु ऐसा नहीं हुआ। विधायक ने कहा कि मोहरदा पेयजलापूर्ति परियोजना क्षेत्र में कम से कम तीन नई टंकियों को अलग-अलग पंप हाऊस से जोड़ना होगा, उनमें वाल्व लगाने होंगे। सभी टंकियों के नीचे भूमिगत जल भंडार टंकिया (जीपीआर) बनाना होगा। इसके साथ ही इंटेक वेल से निकलने वाली पानी को ठहराने के लिए एक बड़ा सेटलिंग पांड बनाना होगा। साथ ही इंटकवेल से पानी खींचने के लिए दो अतिरिक्त मोटर लगाने होंगे तब जाकर राजनीतिक कारणों से हड़बड़ी में बनायी गयी त्रुटिपूर्ण मोहरदा पेयजलापूर्ति परियोजना को सही स्वरूप में लाया जा सकेगा। (नीचे भी पढ़ें)
इसके अतिरिक्त बिरसानगर को आदर्श शहरी इलाके के रूप में विकसित करने के लिए उपायुक्त अथवा उपायुक्त के प्रतिनिधि अधिकारी के साथ जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी और अंचलाधिकारी एवं अन्य राजस्वकर्मियों के साथ बैठक कर नितिगत निर्णय लेने और उसे क्रियान्वित करने की आवश्यकता पर बल दिया गया। बिरसानगर के मैदानों का सौंदर्यीकरण करने वहाँ की सड़कों और गलियों का नंबर देने और इसके लिए बिरसानगर वासियों के साथ मिलकर कार्ययोजना तैयार करने का निर्णय लिया गया। मानगो पुल से लेकर मोहरदा-मुराकाटी तक नदी के पानी को स्वच्छ बनाने नदी में गिरने वाले नालों के जल को शुद्ध करने, नदी किनारे पड़े खाली स्थलों को विकसित करने तथा विधायक निधि से लेकर नगर विकास विभाग तक के परियोजनाओं की गति तेज करने के बारे में निर्णय लिया गया। भुइयांडीह से लेकर लालभट्टा तक के इलाकों में पेयजल एवं स्वच्छता योजनाओं का क्रियान्वयन करने तथा पेयजल, स्वच्छता, जल-मल निकासी की योजनाओं को मूर्त रूप देने तथा शहर से वायु प्रदूषण का नियंत्रित करने हेतु योजनाएं बनाने एवं उसे क्रियान्वित करने की रूप रेखा तक की गयी।