रांचीः अफगानिस्तान में जारी राजनीतिक उथल-पुथल से वहां का बाजार पूरी तरह प्रभावित हो गया है. अफगानिस्तान को मेवों के बड़े निर्यातक देशों के रूप में जाना जाता है. रांची, जमशेदपुर, धनबाद व बोकारो के बाजार में भी दिल्ली के रास्ते अफगानिस्तान से मेवे मंगवाए जाते हैं. फिर रांची से ही राज्य के अलग-अलग जिलों के बाजार में इसे भेजा जाता है. अफगानिस्तान के संकट से राज्य में मेवों के दाम में मामूली बढ़त हुई है. मेवों के दाम में 2 से 5 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है. व्यापारियों का कहना है कि बाजार के पास दूसरी मंडियों से आयात चालू रखने का विकल्प खुला है. ऐसे में आने वाले त्योहारों में भी मेवे की मांग और सप्लाई पर बहुत ज्यादा असर पड़ने की संभावना नहीं है. रांची के अपर बाजार के थोक मेवा व्यापारियों का कहना है कि कुछ वर्ष पहले तक अफगानिस्तान से आने वाले मेवे बहुत कम रांची तक पहुंचते थे. मगर स्थिति सामान्य होने पर व्यापार बढ़ा था. दूसरी बात ये है कि अफगानिस्तानी मेवे की कीमत दूसरों से ज्यादा होती है. ऐसे में इसकी खपत बाजार में सीमित है. वर्तमान असर के कारण भाव में दो से लेकर पांच प्रतिशत तक की तेजी है. ये अधिकतम दस प्रतिशत तक जा सकती है. मगर इस बीच बाजार को संभालने के लिए व्यापारियों ने अफगानिस्तान के विकल्प को तलाश लिया है. इससे बाजार में बनी कमी दीवाली से पहले पूरी होने की संभावना है.