Chakuliya : बहरागोड़ा विस क्षेत्र से 2019 का विधान सभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा दिनेशानंद गोस्वामी और समीर महंती ने काफी मेहनत की और लगातार ग्रामीणों से जन सम्पर्क कर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करवायी है. दोनों ही नेताओं ने पार्टी से टिकट लेने के लिए एक दूसरे को विस क्षेत्र में मात देने के लिए ऐड़ी-चोटी की ताकत झोंक दी थी. चुनाव से ठीक पहले ही झामुमो के विधायक कुणाल षाड़ंगी के भाजपा में शामिल होने से बहरागोड़ा विस क्षेत्र में राजनीति गरमा गयी. विस क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले तीनों ही उम्मीदवार एक ही पार्टी में होने से क्षेत्र में चर्चा शुरू हो गयी था कि पार्टी तीनों नेता में से किसे टिकट देगी. भाजपा में कुणाल षाड़ंगी के शामिल होने से पार्टी के नेता और प्रवल दावेदार समीर महंती बगावत कर बुधवार को अपने समर्थकों के साथ झामुमो में शामिल हो गये. समीर महंती के झामुमो में शामिल होने से अब भाजपा में बहरागोड़ा विस क्षेत्र से भाजपा में दो उम्मीदवार रह गये. झामुमो छोड़कर भाजपा में शामिल हुए विधायक कुणाल षाड़ंगी और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिनेशानंद गोस्वामी पार्टी में है. भाजपा में इस सीट पर दोनों ही टिकट के दावेदार माने जा रहे हैं. लेकिन भाजपा इन दोनों में से किसके नाम पर मुहर लगाकर विस क्षेत्र में अपना उम्मीदवार बनाती है इसे लेकर चुनावी सरगर्मी बढ़ती जा रही है. विदित हो की 2014 के विस चुनाव में झामुमो के कुणाल षाड़ंगी ने भाजपा के उम्मीदवार डॉ दिनेशानंद गोस्वामी से 15 हजार अधिक वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी. चुनाव जीतने के बाद युवा विधायक कुणाल षाड़ंगी लगातार क्षेत्र में जनता से जुड़े रहे. उन्होंने अपने कार्यकाल में दर्जनों दिव्यांग को ट्राइसाइकिल दी, कई नि:शुल्क स्वास्थ्य कैम्प जैसे कार्यक्रम कर लोगों की लोकप्रियता हासिल की. विधायक ने हमेशा ही लोगों के हर सुख-दुःख में साथ खड़े रहकर लोगों की दिलों में अपनी एक अलग जगह बनायी है. वहीं, दूसरी तरफ चुनाव हारने के बाद डॉ दिनेशानंद गोस्वामी भी विस क्षेत्र में लोगों के साथ जुड़े रहे. डॉ गोस्वामी ने विगत चार वर्षों में सामूहिक विवाह कार्यक्रम और रोजगार मेला समेत अन्य सामाजिक कार्यक्रम कर लोगो के बीच अपनी पहचान बनाई है. दोनों ही नेताओं ने अपनी-अपनी क्षमता के अनुरूप कई कार्य किए हैं. अब देखना यह है कि भाजपा की केन्द्रीय कमेटी किसके नाम पर मुहर लगाती है और किसे चुनावी मैदान से बाहर करती है. इसे लेकर बहरागोड़ा विस क्षेत्र में राजनीतिक माहौल गरम है. जनता की नजर अब पार्टी के आला कमान पर जा टिकी है और लोगों के बीच यही चर्चा है कि कौन होगा बहरागोड़ा से भाजपा का उम्मीदवार?