जमशेदपुर : जेल में तैनात होने वाले सुरक्षाकर्मियों और प्रहरियों के लिए तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुक्रवार को जमशेदपुर में संपन्न हो गया. इसका आयोजन 18 से 20 सितंबर को सोनारी स्थित ट्राइबल कल्चर सेंटर में टाटा स्टील फाउंडेशन (टीएसएफ) ने ‘प्रयास’, टाटा इंस्टीटय़ूट अफ सोशल साइंस, मुंबई के सहयोग से किया. समापन समारोह में घाघीडीह जेल के अधीक्षक सत्येंद्र चौधरी और टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट चाणक्य चौधरी मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे. दुमका, हजारीबाग, रांची, पलामू और जमशेदपुर के सेंट्रल जेलों से कुल 25 जेल सुरक्षाकर्मियों व प्रहरियों ने इस आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा लिया. अगस्त 2018 से जमशेदपुर के घाघीडीह सेंट्रल जेल में टीएसएफ की लागू की गई सस्टेनेबल कौशल विकास पहलकदमियों से आगे बढ़ते हुए एक प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित किया है. इसे काम करने के लिए एक मजबूत, संवेदनशील और सकारात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है. जेल अधिकारियों द्वारा पुनर्वास और कार्य योजना के महत्व कार्यक्रम के प्रमुख घटक थे. सत्र के दौरान, प्रतिभागियों ने शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण, जन्मजात कौशल को प्रोत्साहित करने, परिवार से जुड़ाव और जेल से कैदियों के समग्र व सार्थक पुनर्वास के लिए राज्य से समर्थन और सहयोग समेत विभिन्न पहलुओं को कवर किया. तकनीकी ज्ञान के अलावा, प्रशिक्षण ने आत्म-प्रबंधन, क्रो प्रबंधन और टीम के काम की अवधारणाओं और लोगों की मानसिकता को समझने के लिए एक मंच प्रदान किया. सॉफ्ट स्किल ट्रेनिंग ने प्रतिभागियों की मानसिकता और व्यवहार पर काम करने में मदद की. प्रतिभागियों से बात करते हुए चाणक्य चौधरी ने कहा कि जेल सुधार एक संवेदनशील विषय है और आप में से प्रत्येक उस पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इसलिए यह सुनिश्चित करने का हमारा प्रयास है कि हम सार्थक, ज्ञान-संचालित सहयोग के माध्यम से आपके प्रयास के साथ खड़े हों. आने वाले दिनों में, हम इस कार्यक्रम को बड़े समूहों तक ले जाने के लिए तत्पर हैं, जो लंबे समय में हमारे समाज में सकारात्मक मानसिकता पैदा करेंगे.