जमशेदपुर : टाटा स्टील की ओर से अपने सामाजिक दायित्व का निर्वह्न कोरोना काल के दौरान किया है. इसके तहत करीब 6 लाख से ज्यादा लोगों को लाभ पहुंचाने में लोगों ने कामयाबी हासिल की है. करीब 6 लाख 10 हजार लोगों तक टाटा स्टील ने अपने सेवा का दायरा बढ़ाया है. यह जानकारी टाटा स्टील के सीएसआर के चीफ सौरभ राय ने टेलीफोनिक संवाददाता सम्मेलन में दी. उनके साथ टाटा स्टील मेडिकल सर्विसेज के जीएम डॉ राजन चौधरी, टाटा स्टील कारपोरेट कम्यूनिकेशन के चीफ कुलविन सुरी और हेड रुना राजीव कुमार समेत अन्य लोग मौजूद थे. सौरभ राय ने बताया कि 51 हजार प्रवासी मजदूरों तक पहुंचने में कामयाबी हासिल हुई है. किसी का मोबाइल रिचार्ज कराना तो किसी को खाना पहुंचाना तो किसी को आने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना जैसी सुविधाएं पहुंचाये है. सीएसआर के चीफ सौरभ राय ने बताया कि जमशेदपुर में आंकड़ा प्रवासी मजदूरों का निकाला गया है, जिसके तहत 9000 प्रवासी मजदूरों का आंकड़ा और पहचान मिला है, जिनको रोजगार से जोड़ने की कोशिश हो रही है. वैसे प्रवासी मजदूरों के लिए टाटा स्टील ने एनएच 33 यानी पारडीह के पास एक सेंटर खोला था, जहां लोगों को मेडिकल, खाना समेत तमाम चीजें 11300 मजदूरों को पहुंचाया गया है. सीएसआर के चीफ सौरभ राय ने बताया कि करीब 27 लाख से ज्यादा यानी 27 लाख 50 हजार लोगों तक खाना पहुंचाया जा चुका है जबकि 47 हजार राशन पैकेट कोल्हान और ओड़िशा क्षेत्र में बांटे जा चुके है. सीएसआर के चीफ ने बताया कि आने वाले दिनों में यह संभव है कि हम लोग खाने को तीन से चार दिनों में बंद कर दें क्योंकि अब सारे लोगों के लिए जिंदगी आसान हो रही है. जहां ज्यादा जरूरत होगी, वहीं तक सुविधाएं पहुंचायी जायेगी. कैश फॉर वर्क प्रोग्राम की जानकारी देते हुए सीएसआर के चीफ ने बताया कि किसानों को 13 हजार किलो सब्जी हम लोगों ने उपलब्ध कराया है. इसके तहत 350 किसानों को हम लोगों ने जोड़ा है और अब इस सिस्टम को स्थायी बाजार के रुप में विकसित करने की कोशिशें चल रही है. इसके अलावा लोगों को वाल पेंटिंग के जरिये गांवों में किस तरह कोरोना से बचना है, यह बताने के लिए रोजगार से जोड़ा जा रहा है, जिसके जरिये उनको पैसे दिये जा रहे है, जिसके तहत 17 हजार पेंटिंग तैयार किये जा चुके है. 3000 लोगों तक इस पेंटिंग के जरिये कमाई हुआ है. सीएसआर के चीफ ने बताया कि 350 लोगों ने खुद से टाटा स्टील फाउंडेशन के माध्यम से मदद पहुंचायी है, जिसके माध्यम से 75 लाख रुपये संग्रहित हुए है, जिसको समाज की सेवा में खर्च किया गया है. अब आने वाले दिनों में पुराने अखबारों के माध्यम से पेपर बैग बनाने के काम की शुरुआत की जा रही है, जिसके माध्यम से लोगों को रोजगार मिल सकेगा. करीब 1 टन पुराने अखबार को ल िया जा रहा है.