जमशेदपुर : टाटा स्टील ने ब्रह्मपुत्र नदी के माध्यम से भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल (आईबीपी) मार्ग का उपयोग करते हुए पश्चिमबंगाल के हल्दिया बंदरगाह से असम के पांडु बंदरगाह तक लगभग 1,800 टन फिनिश्ड स्टील उत्पादों की सफलतापूर्वक शिपिंग करके एक सस्टेनेबल भविष्य के निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है. टाटास्टील के टीएमटी बारों का यह शिपमेंट, जो नदी के घाटों पर लोड करने से पहले रेल पर हल्दिया पहुंचा, मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स के उपयोग की शुरुआत का प्रतीक है, जो स्टील सेक्टर और देश को कार्बन मुक्त बनाने का एक ऐतिहासिक प्रयास है. पिछले हफ्ते की शुरुआत में, बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने टाटास्टील के तैयार माल को ले जाने वाले नाव ‘कल्पना चावला’ को झंडी दिखाकर रवाना किया. उद्घाटन समारोह में उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों में शांतनु ठाकुर, बंदरगाह, पोत परिवहनऔर जलमार्ग राज्यमंत्री डॉ संजीव रंजन, सचिव, बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय एसपीएम पोर्ट ट्रस्ट के अध्यक्ष विनीतकुमार, टाटा स्टील के वाइस प्रेसीडेंट सप्लाइ चेन पीयूषगुप्ता और चेयरमैन टीएम इंटरनेशनल लॉजिस्टिक्स लिमिटेड (टीएमआईएलएल) रंजन सिन्हा, चीफ ग्रुप शिपिंग, टाटा स्टील और दिनेश शास्त्री, एमडी, टीएमआईएलएल शामिल थे. केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि यह पहली यात्रा परिवहन के लिए नदी-समुद्र संयोजन की शक्ति का उपयोग करके कार्गो की मल्टी मॉडल आवाजाही को प्रदर्शित करती है. मंत्री ने अन्य स्टेक होल्डर्स से भी इसी दिशा में कदम बढ़ाने और इसे एक भव्य राष्ट्रीय सफलता बनाने के लिए प्रतिबद्ध रहने का आग्रह किया. टाटा स्टील के वीपी पीयूष गुप्ता ने कहा कि भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल मार्ग हमें विकसित हो रहे उत्तर पूर्व बाजार को बेहतर ढंग से सेवा देने में मदद करेगा. इस मार्ग का इस्तेमाल अन्य स्थानों को सेवा प्रदान करने के लिए भी किया जा सकता है जो उत्तर-पूर्व में ग्राहकों के फायदे के लिए छोटे लॉट में और बेहतर स्थिति में स्टील पहुंचाने के लिए इस जलमार्ग के रास्ते में हैं. यह पहल भारत और बांग्लादेश के लिए अंतर्देशीय जलमार्गों के उपयोग की दिशा में निर्बाध और मजबूत एकीकृत लॉजिस्टिक समाधान का मार्ग प्रशस्त करती है. आईबीपी रूट से टाटा स्टील को अपने स्कोप 3 कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में भी मदद मिलेगी. जुलाई 2021 में, कंपनी ने चुनिंदा स्थानों पर तैयार माल को भेजने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग की पहल की थी. नौका का संचालन ओशन व्हेल शिपिंग सर्विसेज द्वारा किया जाता है, जबकि बंदरगाहों पर कार्गो की हैंडलिंग टीएम इंटरनेशनल लॉजिस्टिक्स लिमिटेड द्वारा की जाती है, जो टाटा स्टील, एनवाई के जापान और आईक्यू मार्ट्रेड, जर्मनी के बीच लॉजिस्टिक का एक संयुक्त उद्यम है. नौका ने भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल मार्ग संख्या 1 और 2 का उपयोग करते हुए बांग्लादेश में चिलमारी के माध्यम से ब्रह्मपुत्र नदी में प्रवेश किया और असम में धुबरी में 1,535 किलोमीटर की यात्रा पूरी की.