जमशेदपुर : झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के मौखिक आदेश पर सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर स्थित 111 सेव लाइफ नर्सिंग होम की जांच करने के लिए सरायकेला-खरसावां जिले के प्रभारी सिविल सर्जन टीम पहुंची. दोपहर करीब 12 बजे पूरी टीम वहां कोरोना को लेकर क्या जांच चल रहा है और क्या इलाज हो रहा है और क्या चार्ज लिया जा रहा है, इसकी जांच करने के लिए यह टीम पहुंची है. मौखिक आदेश स्वास्थ्य मंत्री ने दिया था कि जांच कीजिये और तत्काल रिपोर्ट दीजिये. इसके बाद प्रभारी सिविल सर्जन पूरी दल बल के साथ पहुंचे. वहां जाकर इन लोगों ने दस्तावेजों की मांग की, लेकिन कोई दस्तावेज दिखाने से नर्सिंग होम के संचालक ने इनकार कर दिया. इसके बाद यह टीम बैरंग लौट गयी. (नीचे देखे पूरी रिपोर्ट और संचालक का वीडियो बयान)
इस दौरान प्रभारी सिविल सर्जन ने कहा कि अभी मामले की जांच करने के लिए गये थे, लेकिन कोई दस्तावेज या मरीजों से वे लोग मिल नहीं सके, जिसके बाद वे लोग रिपोर्ट बनाकर सौंपेंगे. दूसरी ओर, नर्सिंग होम के संचालक डॉ ओपी आनंद ने इस पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि मरीजों को लेकर उनका नर्सिंग होम और वे खुद काफी संजिदा रहते है. वे सेवा के साथ काम करते है. लेकिन इस तरह पेरशान करने की नियत के साथ कोई काम करेगा तो गलत होगा. उन्होंने कहा कि सरकार मंत्रियों और विधायकों पर करोड़ों खर्च कर दे रही है, लेकिन आम मरीजों के लिए 6000 रुपये का रेट तय की है. वैसे भी रेट तय करने का कोई दस्तावेज उनको उपलब्ध नहीं कराया गया है. (नीचे देखे पूरी रिपोर्ट और संचालक का वीडियो बयान)
उन्होंने चेतावनी दी कि मंत्री बन्ना गुप्ता इस तरह के कारनामे से बाज आये. उन्होंने आज अस्पताल के सात कोरोना मरीजों का लिहाज कर दिया नहीं तो ऐसे जांच टीम को दौड़ा-दौड़ाकर पीटता. ऐसे मंत्री और अधिकारी को कूटकर रख देता. ओपी आनंद पर ऊंगुली उठाना गलत होगा. हालांकि, अब तक क्या कार्रवाई हुई है, इसकी जानकारी नहीं दी गयी है.