जमशेदपुर : कृषि विधेयक को लेकर विपक्ष लगातार किसानों को भ्रमित कर रहा है. इसलिए कृषि विधेयक के सच को जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत है. यह बात जमशेदपुर सांसद विद्युत वरण महतो ने कही. वह बुधवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि यह विधेयक आने पर अब 70 साल के बाद किसान अपने आप को स्वतंत्र महसूस कर रहे हैं. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय किसान मंत्री ने लोकसभा व राज्यसभा से इस विधेयक को भारी मतों से पारित कराया है. उनका उद्देश्य किसानों की आय को दोगुना करना है, इसीलिए इस विधेयक को लाया गया है. सांसद विद्युत वरण महतो ने कृषि बिल को लेकर विपक्ष द्वारा कही जा रही कई बातों को झूठ ठहरातेत हुए सच से भी अवगत कराया.
उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अनाज की खरीद बंद हो जायेगी, यह झूठ है, जबकि सच यह है कि एमएसपी पर पहले की तरह खरीज जारी थी, जारी है और जारी रहेगी. सांसद ने कहा कि यह गलत है कि कृषक कृषि उत्पाद यदि पंजीकृत बाजार समितियों (एपीएमसी मंडियों) के बार बेचेंगे, तो मंडियां समाप्त हो जायेगी. जबकि सच तोत यह है कि मंडिया समाप्त नहीं होंगी. वहां पूर्ववत व्यापार होता रहेगा. किसानों को मंडी के साथ ही अन्य स्थानों पर अपनी उपज बेचने का विकल्प प्रप्त होगा. उन्होंने कहा कि यह भी सही नहीं है कि अनुबंधित कृषि समझौते में किसानों का पक्ष कमजोर होगा और कीमतों का निर्धारण नहीं कर पायेंगे. सही यह है कि किसान को अनुबंध में पूर्ण स्वतंत्रतात रहेगी कि वह अपनी इच्छा के अनुरूप दाम तय कर उपज बेच सके. इसके अलावा अन्य बिंदुओं पर भी सांसद श्री महतो ने तुलनात्मक तर्क रखते हुए केंद्र सरकार के कृषि बिल को किसानों के लिए हितकर बताया. संवाददाता सम्मेलन में भाजपा महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव व अन्य उपस्थित थे.