जमशेदपुर : वैसे तो अक्सर यह होता आया है कि कोई बारात एक दिन द्वार पर आता है और दूसरे दिन दुल्हन का विदाई कराकर चला जाता है या फिर बहुत हुआ तो एक दिन का मरजाद यानी बीच में एक दिन का गैप होकर फिर बारात दुल्हन को लेकर लौट जाती है. लेकिन जमशेदपुर के सोनारी परदेशी पाड़ा में एक ऐसी शादी हुई, जिसके बाराती करीब दो माह तक दुल्हन के मायके में ही रह गये. आज यानी शनिवार को समाजसेवी और भाजपा के नेता सह जिला परिषद उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह की पहल पर इन बारातियों को दो माह बाद किसी तरह रवाना किया गया. इस दौरान दुल्हन भी खुश दिखायी दी कि चलो अब उसको ससुराल जाने का मौका मिल रहा है. हालांकि, विदाई होते वक्त आंसू छलक ही पड़े थे.
क्या है पूरा मामला :
जमशेदपुर के सोनारी थाना क्षेत्र के परदेशी पाड़ा में 19 मार्च को गणेश नाग की बेटी गुरुबारी की शादी ओड़िशा के बलांगीर के रहने वाले सुमित कुमार के साथ होनी थी. इसके लिए 50 बारातियों के साथ दुल्हा और दुल्हा के पिता हरि कुमार ने आये थे. 19 मार्च को शादी करने के बाद 22 मार्च को रिसेप्सन पार्टी भी वहीं उनको लौट जाना था, लेकिन अचानक से 23 मार्च को जब सबको जाना था, लॉकडाउन लागू हो गया. जो जहां था, वहीं रुक गया. इसी चक्कर में पूरी बारात भी वहीं रुक गयी. किसी को जाने तक नहीं दिया गया. जनता कर्फ्यू लग गया और फिर लॉकडाउन तो सारे बाराती फंसे रह गये. अब बेचारी लड़की के पिता गणेश नाग एक दो दिन तो किसी तरह बारातियों की सेवा करते रहे, खाना खिलाते रहे, लेकिन सीमित आय वाले लड़की के परिवार की कमर ही टूट गयी.
बाराती अब घर के पास ही टेंट में रहने लगे. लोगों को खाने की भी दिक्कत होने लगी. समाजसेवियों की मदद से सबको खाना खिलाया जाता था. अंतत: इस मामले की जानकारी जिला परिषद के उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह को मिली तो वे खुद से शनिवार को सोनारी पहुंचे. सोनारी परदेशी पाड़ा में उन्होंने मेहनत की. उनका पास बनवाया, गाड़ी जुगाड़ करायी और फिर पूरी बारात को दुल्हन के साथ विदा किया. इस दौरान लड़की और लड़के के ससुरालवालों ने उनको आभार भी जताया और सबकी आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े थे. दुल्हन के पिता गणेश नाग ने बताया कि लड़की के ससुरालवालों को खाना खिलाने के लिए कर्ज तक लिया था, लेकिन अब चल नहीं पा रहा था तो उन्होंने समाज की मदद ली थी. यह बारात ओड़िशा के लिए रवाना हो गयी.