रांची : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने देश के खनन मंत्री प्रहलाद जोशी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र लिखा. पत्र के माध्यम से उन्होने बताया कि बीते 18 अगस्त को राज्य में हुए कैबिनेट मीटिंग में यह फैसला लिया गया था कि राज्य भर में मौजूद 7 आयरन ओर माइंस को झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कारपोरेशन का अधिग्रहण किया जाएगा. यह फैसला नेश्नल मिनरल पॉलिसी 2019 के तहत लिया गया है. इसके लागू होने से राज्य को भारी नुकसान होगा. वहीं राज्य में प्राकृतिक संसाधनों के वितरण के लिए नियम नहीं है. इस फैसले से राज्य में निवेशकों के बीच गलत संदेश जाएगा. वही झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कारपोरेशन की छवि भी खराब होगी. उन्होने खनन मंत्री को बताया कि राज्य में कुल 129 वर्ग किमी के इलाके में खनन का काम होता है जिसमें से 115 वर्ग किमी पर सिर्फ टाटा स्टील और सेल ही उत्पादन करती है. यह कुल इलाके का 70 प्रतिशत है. बाकि 11.78 वर्ग किमी के इलाके को राज्य को दिया गया है जो कि 30 प्रतिशत है. वहीं इससे राज्य को 40 हजार करोड़ का नुकसान होगा. राज्य के इस फैसले से राज्य में निवेशकों के पास गलत संदेश जाएगा. उन्होने पत्र में बताया कि झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कारपोरेशन का इतिहास सभी जानते है. इसके बनने के बाद से ही कोल माइंस ने अब तक किसी तरह से विकास नही किया है. विभाग के पास कुशल प्रशासन नहीं है. इस फैसले को लागू कर राज्य सरकार केंद्र सरकार के हाथ को मड़ोड़ना चाहती है. राज्य सरकार जनहित में कार्य नहीं कर रही है.
झामुमो ने भाजपा को आड़े हाथों लिया, कहा-झारखंड को लूटने नहीं देंगे
दूसरी ओर, झारखंड की सत्ताधारी पार्टी झामुमो ने भाजपा की केंद्र सरकार और नेताओं को आड़े हाथों लिया है. झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा है कि केंद्र की सरकार झारखंड को लूट का चारागाह बना चुकी है. सिर्फ खदानों से खनन करती और कराती है और बदले में झारखंड को कुछ नहींमिलता है. सुप्रियों यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि झारखंड को यहां की सरकार लूटने नहीं देगी. देश का जीडीपी गिर रहा है और कैसे अंबानी और अडाणी का ग्रोथ होता जा रहा है, इसका जवाब केंद्र सरकार के पास है. सिर्फ पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए भाजपा की सरकार यह ड्रामा कर रही है. उन्होंने कहा कि रघुवर दास की जब सरकार थी तो मनमानी केंद्र की चलती थी, अब मनमानी नहीं चलने दी जायेगी. केंद्र सरकार ने झारखंड को किसी तरह की मदद नयी सरकार बनने के बाद से नहीं किया है. जीएसटी का पैसा नहीं दिया है. माइंस का पैसा नहीं दिया है. सारे पैसे देंगे तब जाकर ही आगे कोई बात होगी, लेकिन इस तरह राज्य सरकार के खिलाफ सिर्फ आरोप लगाने से नहीं चलने वाला है.