शार्प भारत डेस्क : भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन हरतालिका तीज का व्रत किया जाता है. हिन्दू धर्म में इस व्रत का विशेष महत्व है. यह व्रत 30 अगस्त को मनाया जाएगा. हरितालिका तीज व्रत सुहागिन महिलाओं और कुंवारी कन्याओं के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं यह व्रत अपने पति की लंबी उम्र व अच्छे स्वास्थ्य की कामना से करती है. वहीं कुंवारी कन्या अच्छे वर की इच्छापूर्ति के लिए हरतालिका तीज का व्रत करती है. इस दिन भगवान शिव व माता पार्वती का पूजन किया जाता है. हरतालिका तीज में सुहागिन व्रत निर्जला रखती है. यानी इस दिन महिलाएं ना ही कुछ खाती है और ना ही पानी पीती है. (नीचे भी पढ़ें)
पूजा का शुभ मुहूर्त-
हरतालिका तीज भाद्रपद महीने के शुल्क पक्ष की तृतीया तिथि में मनायी जाती है. इसके मुताबिक 29 अगस्त की दोपहर 03.20 बजे से शुरू होगी जो 30 अगस्त तक चलेगी. वहीं सूर्योदय की तिथि के मुताबिक हरतालिका तीज 30 अगस्त को रहेगी. इस दिन सुबह 06.05 बजे से रात 08.38 बजे से और शाम में 06.33 बजे से लेकर रात 08.51 बजे तक पूजा के लिए शुभ मुहूर्त रहेगा. (नीचे भी पढ़ें)
पूजा का नियम-
इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती है. पूजा से पहले सुबह उठकर महिलाएं सरगी खाती है. फिर वे संकल्प लेती है, उस व्रत को पूरा करने के लिए. शाम के वक्त महिलाएं सोलह श्रृंगार कर माता पार्वती और शिव की स्थापना करती है. उसके पश्चात उनके समक्ष दीप प्रज्वलित करती है. फिर माता पार्वती को सुहाग की सारी वस्तुएं अर्पित करती है. भगवान को फल, फूल और मिठाई अर्पित करती है. पूजा के पश्चात कथा सुनकर आरती करती है.