जमशेदपुर : टाटा स्टील की वार्षिक आमसभा (एजीएम) इस साल 28 जून को दोपहर तीन बजे से होने जा रही है. यह 115वां एजीएम होगा, जो वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये होगी. पहली बार टाटा स्टील अब तक का सबसे ऊंचे स्तर पर अपने शेयरधारकों को डिविडेंड का भुगतान कने जा रही है. इसके हतत प्रति शेयर 51 रुपये के हिसाब से सारे शेयर धारकों को डिविडेंड देने का ऐलान कंपनी ने किया है, जो अब तक का सबसे ऊच्चतम डिविडेंड है. इससे पहले टाटा स्टील ने अपने शेयरधारकों को कुल 25 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से डिविडेंड का भुगतान किया था. पिछले वित्तीय वर्ष 2020-2021 को 25 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से डिविडेंड का भुगतान किया गया था, जिस पर कुल 2,99,660.44 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था जबकि वित्तीय वर्ष 2021-2022 में 51 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से डिविडेंड दिया जा रहा है, जिस पर 6,23,310.71 करोड़ रुपये का भुगतान होगा. यह जानकारी टाटा स्टील द्वारा जारी किये गये वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी साझा की है. इस बार के एजीएम में भी इ-वोटिंग के जरिये लोग अपना वोटिंग कर सकेंगे.
टाटा स्टील में नये निदेशकों की नियुक्ति को मिलेगी मंजूरी, कौशिक चटर्जी की फिर से होगी नियुक्ति, नये स्टैच्यूरी ऑडिटर और नये कॉस्ट ऑडिटर भी बहाल होंगे
वैसे तो इसमें कई एजेंडा है, लेकिन इसमें मुख्य यह है कि बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में फिर से टाटा स्टील के सीएफओ सह एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर कौशक चटर्जी का मनोनयन होने जा रहा है. वे पहली बार नवंबर 2012 में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में आये थे. उसके बाद उनको एक्सटेंशन मिलता गया और अभी 8 नवंबर 2022 तक के लिए उनकी नियुक्ति है. अब उनकी नियुक्ति आने वाले और पांच साल के लिए किया जायेगा. वे अभी टाटा स्टील की अनुषंगी कंपनी टाटा मेटालिक्स, टिनप्लटे, टाटा स्टील लांग प्रोडक्ट, टीआरएफ, टाटा स्टील फाउंडेशन, टाटा स्टील यूरोप, टाटा स्टील ग्लोबल प्रोक्योरमेंट, टाटा स्टील यूके लिमिटेड में डायरेक्टर है. इसके अलावा टाटा स्टील के वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया है कि टाटा स्टील अपने स्टैच्यूरी ऑडिटर की भी नियुक्ति करने जा रही है. मेसर्स प्राइस वाटर हाउस एंड कंपनी को फिर से नियुक्ति की जा रही है. यह नियुक्ति 120वे एजीएम तक यानी वर्ष 2027 तक के लिए नियुक्ति की गयी है. नये कास्ट ऑडिटर की भी नियुक्ति की जानी है. मेसर्स सोम एंड बनर्जी कॉस्ट एकाउंटेंट की नियुक्ति होनी है. इसके अलावा नये डायरेक्टर के तौर पर फरीदा खंबता, नोएल टाटा और डेविड क्रेन पर भी शेयर धारक अपनी रजामंदी देने वाले है.
टाटा स्टील ने अपना उत्पादन और कमाई बढ़ायी, सीएसआर पर सरकार के गाइडलाइन से दोगुना खर्च किया, कर्मचारियों का प्रोडक्टिविटी भी बढ़ी
टाटा स्टील ने अपने वार्षिक रिपोर्ट में बताया है कि कंपनी ने बेहतर प्रदर्शन किया है. टाटा स्टील ने 31.03 मिलियन टन का क्रुड स्टील का प्रोडक्शन किया है. भारत में 19.06 मिलियन टन जबकि पहले 18.38 मिलियन टन पिछले साल प्रोडक्शन हुआ था. वहीं, 2,43,959 करोड़ रुपये का टर्नओवर कंपनी ने रिकॉर्ड किया है. भारतीय ऑपरेशन में टाटा स्टील का टर्नओवर पिछले साल 1,29,021 करोड़ रुपये था जबकि अभी 1,35,823 करोड़ रुपये हुआ है. कंपनी का कर्ज अभी 15232 करोड़ रुपये हो गया है जबकि कंपनी का सारा देनदारी के बाद का मुनाफा बढ़कर 41749 करोड़ रुपये हो चुका है. अकेले भारत में कंपनी ने सारी देनदारियों के बाद 33641 करोड़ रुपये की आमदनी की है. टैक्स का भुगतान करने के पहले टाटा स्टील ने पूरे समूह में 56283 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है. टाटा स्टील की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा स्टील में लॉस टाइम इंज्यूरी (एलटीआइ) में बढ़ोत्तरी हुई है, जो 58 का आंकड़ा पर है जबकि पिछले साल 48 था. कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है, जो इस साल 35927 कर्मचारी है जबकि पिछले साल कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 31189 कर्मचारी थे. कर्मचारियों का प्रोडक्टिविटी भी बढ़ा है. पिछले साल कंपनी के कर्मचारियों का उत्पादकता यानी प्रोडक्टिविटी 745 टन प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष था, जो इस साल बढ़कर 857 टन प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष हो चुका है. टाटा स्टील ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि सीएसआर की राशि के लिए भारत सरकार के प्रावधान के तहत कंपनी को कुल 266.57 करोड़ रुपये खर्च करना था, लेकिन टाटा स्टील ने कुल 405.97 करोड़ रुपये की राशि सीएसआर यानी सामाजिक दायित्वों को निभाने के लिए खर्च किया है.
कई कंपनियों के समायोजन को भी एजेंडा में रखा गया
कंपनियों के समायोजन को लेकर भी एजीएम में एजेंडा तय किया गया है. इसके तहत बामनीपाल स्टील और भूषण स्टील के समायोजन, नीलांचल इस्पात निगम के टेकओवर समेत नयी कंपनियों के टेकओवर को भी मंजूरी दी जायेगी. वहीं, टाटा स्टील के सारे कंपनियों में समायोजन की प्रक्रिया को भी मंजूरी दी जायेगी.