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tata-steel-sexual-prevention-टाटा स्टील के एमडी ने कंपनी परिसर और उससे जुड़े लोगों के लिए बनाया यौन उत्पीड़न के लिए नया सख्त कानून, किसी भी हाल में इस तरह के वारदात बरदाश्त नहीं, शिकायत सही पाया गया तो नौकरी जायेगी कर्मचारी की, अगर शिकायत गलत मिला तो शिकायतकर्ता पर ही गिरेगी गाज, जानें क्या है नया सरकुलर में, क्या है कंपनी के यौन उत्पीड़न नियम के दायरे में

राशिफल

जमशेदपुर : टाटा स्टील और टाटा समूह किसी भी हाल में अनैतिक कार्यों को अपने संस्थानों में बरदाश्त नहीं करती है. सेक्सुअल हरासमेंट (यौन उत्पीड़न) के मामले में टाटा स्टील ने एक बार फिर से अपने गाइडलाइन को अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए जारी किया है. इसके तहत यह भी निर्देश जारी किया गया है कि मामले की आंतरिक कमेटी जांच करेगी. अगर कोई यौन उत्पीड़न का केस आता है तो कंपनी अपने स्तर से जांच करायेगी. अगर जांच में शिकायत ही गलत पाया गया तो ऐसे शिकायतकर्ता के खिलाफ भी कार्रवाई की जायेगी. शिकायतकर्ता के खिलाफ भी टाटा स्टील के तय नियमों के तहत कार्रवाई की जायेगी. अगर कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो कंपनी प्रबंधन को हर हाल में 60 दिनों के भीतर कार्रवाई सुनिश्चित करनी होगी. जांच रिपोर्ट के आधार पर 60 दिनों के भीतर दोषी को कंपनी से बाहर का भी रास्ता दिखाया जा सकता है. (नीचे भी पढ़ें)

यह तय किया गया है कि अगर कोई शिकायत दर्ज होता है तो शिकायतकर्ता को या आरोपी को किसी भी हाल में अलग-अलग जगहों पर जांच होने तक पदस्थापित कर दिया जाये. अगर शिकायतकर्ता को जरूरत हो तो कंपनी की ओर से तीन माह तक छुट्टी दे दी जाये ताकि वह इस तरह की हरकतों से दूर रह सके और इस दौरान जांच पूरी कर ली जाये. टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने इसको लेकर जारी किये गये नये सरकुलर और गाइडलाइन में कहा है कि कंपनी सुरक्षित कार्य क्षेत्र के रुप में अपनी पहचान बना चुकी है. ऐसे में किसी तरह की अवांछित कार्यों को बरदाश्त नहीं किया जायेगा. (नीचे भी पढ़ें)

ये सारी चीजें यौन उत्पीड़न के दायरे में आयेंगे :
मौखिक, गैर-मौखिक या शारीरिक आचरण, निहित या स्पष्ट रूप से शामिल अवांछित यौन प्रस्ताव, शारीरिक संपर्क और आगे बढ़ना, यौन अनुग्रह की मांग या अनुरोध, अश्लील या अश्लील चुटकुलों, पत्रों, फोन कॉलों सहित, लेकिन इन्हीं तक सीमित नहीं, यौन रंगीन टिप्पणियां, पाठ संदेश, ई-मेल, इशारों, , अश्लील साहित्य या पसंद दिखाना, यौन प्रकृति का कोई अन्य अवांछित शारीरिक मौखिक या गैर-मौखिक आचरण, शारीरिक संपर्क और आगे बढ़ना जैसे कि छूना, पीछा करना, ऐसी आवाजें जिनमें स्पष्ट और या निहित हो यौन अर्थ या ओवरटोन छेड़छाड़, आदि, कार्य क्षेत्र और कार्य से संबंधित क्षेत्रों में यौन प्रकृति, अर्थ या ओवरटोन के साथ चित्रों, संकेतों आदि का प्रदर्शन, मौखिक या गैर-मौखिक संचार जो व्यक्ति की संवेदनाओं को ठेस पहुंचाता है और उसे प्रभावित करता है. (नीचे भी पढ़ें)

प्रदर्शन और यौन अर्थ या ओवरटोन या प्रकृति है, छेड़ना, अपशब्द और ताने मारना, शारीरिक कारावास और या अपनी इच्छा के विरुद्ध छूना और ऐसा करने की संभावना किसी की निजता में दखल देना, डिजिटल स्टॉकिंग उदा, व्हाट्सएप प्रोफाइल पिक्चर्स को बिना सहमति के कॉपी करना, फोटो पर कमेंट करना, सहमति के बिना सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गय, कार्यालय समय के बाद साथी सहयोगी को कैमरा चालू करने के लिए जोर देना, वीडियो ऑन के साथ ऑनलाइन मीटिंग के दौरान अनुपयुक्त कपड़े पहनना, वीडियो कॉल के दौरान आपत्तिजनक सामग्री के साथ अनुपयुक्त आभासी पृष्ठभूमि होना, बिना सहमति के वीडियो कॉल के दौरान स्क्रीन कैप्चर लेना या इसे सोशल मीडिया पर प्रसारित करना, अनुचित इमोटिकॉन्स भेजना ये सब इसके दायरे में आयेंगे. इसके अलावा रोजगार में अधिमान्य व्यवहार का निहित या स्पष्ट वादा, रोजगार में निहित या स्पष्ट धमकी या हानिकारक व्यवहार, वर्तमान या भविष्य के रोजगार की स्थिति के बारे में निहित या स्पष्ट खतरा, कार्य में हस्तक्षेप या डराने या आक्रामक या शत्रुतापूर्ण कार्य वातावरण बनाना, अपमानजनक उपचार से स्वास्थ्य या सुरक्षा प्रभावित होने की संभावना है, इसको भी इस बार जोड़ा गया है. चीफ आरएंडडी एंड प्रोडक्ट टेक्नॉलॉजी विनय वसंद महाशाब्दे को सेंट्रल लीड बनाया गया है. इसके अलावा कुल 20 लोगों की पूरी कमेटी बनायी गयी है. ये सारे बदलाव और नयी कमेटी टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने बनाया है.

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