जमशेदपुर : इंटक के 75वें स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेश यूथ इंटक के पूर्व अध्यक्ष सह झारखंड इंटक के सचिव शैलेश पांडे की अध्यक्षता में वर्चुअल मीटिंग आयोजित की गई, जिसमें प्रदेश के कई मजदूर प्रतिनिधि शामिल हुए। मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए यूथ इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंटक के राष्ट्रीय वरीय सचिव संजय गाबा ने कहा कि जिस तरह से उद्योगों में तकनीकी रूप से दिन प्रतिनिधि परिवर्तन आ रहे हैं जिससे बेरोजगारी और बढ़ने की आशंका है उन्होंने सन 1947 से सन 2021 तक उद्योगों में हुए परिवर्तनों को विस्तार से बताया और आशंका जाहिर की कि भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले देश में इस तरह से तकनीकी परिवर्तन लगातार होने से बेरोजगारी दर बढ़ेगी उन्होंने इंटक नेताओं से आह्वान किया कि उद्योगों में तकनीकी परिवर्तन को देखते हुए हमें अपनी कार्यशैली विचार शैली और काम करने की तकनीक में तेजी से आमूलचूल परिवर्तन करना होगा तभी हमारा अस्तित्व बचेगा। विशिष्ट अतिथि के रूप में टाटा वर्कर्स यूनियन के उपाध्यक्ष शाहनवाज आलम ने कहा कि हमारे पूर्वज इंटक को बहुत मेहनत से आज भारत की नंबर वन ट्रेड यूनियन संस्था बनाए हैं और अभी हमें अपने पूर्वजों की इस विशाल विरासत को संभालने और आगे बढ़ाने का दायित्व हम सभी के कंधे पर है हमें इंटक के संविधान मे गहरी आस्था रखते हुए असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की मदद करनी चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए शैलेश पांडे ने इंटक के इतिहास के विषय में विस्तार से चर्चा किया तथा लोगों को बताया कि डॉ सुरेश चंद्र बनर्जी इंटक के प्रथम राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कादू भाई देसाई इंटक के प्रथम राष्ट्रीय महासचिव थे, जबकि डॉ संजीवा रेड्डी इंटक के 18 वे अध्यक्ष एवं संजय सिंह 12वे राष्ट्रीय महासचिव हैं. आज इंटक के पास 3.30 करोड़ से ज्यादा सदस्यता है और भारत की नंबर वन श्रमिक संगठन है। कार्यक्रम के समापन पर धन्यवाद ज्ञापन राजा सिंह राजपूत ने किया। कार्यक्रम में अवधेश सिंह, राजा सिंह आशुतोष सिंह, बीरबल सिंह कौशल कुमार, अमृत रंजन महतो, सुनीता पांडे, अभिजीत घोष ऋषभ श्रीवास्तव, रितेश सिंह, संदीप महत्व सुरेश महतो आदित्य भारद्वाज सहित सैकड़ों की संख्या में पूरे प्रदेश से मजदूर प्रतिनिधि शामिल हुए।
Jamshedpur : इंटक ने वर्चुअल मोड में मनाया 75वां स्थापना दिवस, औद्योगिक परिवर्तन एवं नई टेक्नालॉजी से सीख लेते हुए इंटक नेताओं में भी लाना होगा तकनीकी एवं वैचारिक परिवर्तन : संजय गाबा
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