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jusco-bonus-जुस्को के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर, मैनेजमेंट कर्मचारियों के बैंक एकाउंट में एकतरफा बोनस भेजने को राजी, डीएलसी को दिया जवाब, अब जानें आगे क्या होगा

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जमशेदपुर : टाटा स्टील की शत-प्रतिशत सब्सिडियरी वाली कंपनी जुस्को (टाटा स्टील अरबन इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड) के कर्मचारियों के बोनस समझौता का रास्ता लगभग सामने आ गया है. जुस्को के कर्मचारियों के लिए काफी अच्छी खबर है. मैनेजमेंट ने उपश्रमायुक्त (डीएलसी) के समक्ष शुक्रवार को लिखित तौर पर यह जानकारी दी कि बोनस का समझौता पहले से हो चुका है. फार्मूला पहले से ही तय हो चुका है. इस कारण अब एकतरफा बोनस भी भेजा जा सकता है. इसको लेकर उपश्रमायुक्त को जो आदेश होगा, उसका अनुपालन जुस्को करने को तैयार है. शुक्रवार को बोनस को लेकर बुलायी गयी वार्ता में सिर्फ मैनेजमेंट के पक्ष के लोग पहुंचे थे जबकि यूनियन की ओर से कोई नहीं पहुंचा था. आपको बता दें कि चूंकि, जुस्को श्रमिक यूनियन का चुनाव नही हुआ है, इस कारण जुस्को मैनेजमेंट यूनियन को बोनस को लेकर वार्ता करने के लिए नहीं बुला रही है. इसकी शिकायत यूनियन की ओर से की गयी थी, जिसके बाद जुस्को से जवाब तलब किया गया था जिसके आधार पर शुक्रवार को मैनजेमेंट ने उपरोक्त जानकारी दी है.

अब आगे क्या होगा, बोनस की राशि एकतरफा भेजी जा सकती है
जुस्को में अभी तत्काल चुनाव होने पर संशय की स्थिति है. ऐसे में चुनाव संभव नहीं होगा. ऐसे में मैनेजमेंट चाहेगा तो कर्मचारियों के बैंक एकाउंट में बोनस की राशि भेज सकती है क्योंकि पहले से बोनस का फार्मूला तय है. वैसे खुद डीएलसी राजेश प्रसाद ने बताया कि मैनेजमेंट ने अपना पक्ष रखा है. इसके बाद यूनियन से बातचीत करने के बाद किसी निष्कर्ष पर हम लोग पहुंचेंगे, जिसके आधार पर बोनस तय होगा.

2018-2019 का वर्ष 2019 में मिल चुका है 17.38 फीसदी बोनस
जुस्को प्रबंधन और यूनियन के बीच 2019 में बोनस समझौता वित्तीय वर्ष 2018-2019 को हुआ था. इसके तहत पिछले साल कर्मचारियों को 17.38 फीसदी बोनस मिला था. 777 कर्मचारियों के बीच कुल राशि 6.95 करोड़ रुपये बांटे गये थे. 26 सितंबर को कर्मचारियों के बैंक एकाउंट में पैसे चले गये थे. पिछले साल कर्मचारियों को 17 हजार रुपये जबकि अधिकतम 2.60 लाख रुपये बोनस मिला था. बोनस समझौता के तहत फार्मूला तैयार हुआ था, जिसके तहत सारी देनदारियों के बाद का मुनाफा (पीबीटी), सुरक्षा, शिकायतों का निवाकरण, ट्रांस्मिशन और डिस्ट्रीब्यूशन लॉस, पानी के लिए समग्र रुप से गुणवत्ता, टॉप बॉक्स, ग्राहक संतुष्टि सूचकांक, शिकायतों की पुनरावृति और उत्पादकता को आधार बनाया गया है. इसके साथ ही टीपीएम को भी इसमें शामिल किया गया है.

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